मानव धर्म
आओ मेरे साथ,
सब मिलकर विचार करे।
नासूर बन चुकी,
समस्या का समाधान करे।
जुल्म ज्यादती का आरोप
क्यों किसी कोम के सर धरे ?
क्यों गुमराह हो किसी से ?
आपस में लड लडकर मरे।
लड़ना ही है गर हमें,
आओ सब मिलकर लडाई करें।
मानवता के जो है दुश्मन,
उन पर एकजुट हो चढाई करें।
दोष मढकर किसी पर,
क्यों वक्त को बर्बाद करे।
लगा के आरोप प्रत्यारोप,
क्यों द्वेषता को आबाद करे।
मानवता विरोधी विचारों का,
आओ मिलकर नाश करे।
फरेबियों से तोडे़ नाता,
सच्चाई का विश्वास करे।
मानव धर्म बने सर्वोपरि,
मानव ना धर्म की भेंट चढे़।
हक ना मारा जाए किसी का,
कोई ना किसी में भेद गढे।
विरोध व्यक्ति का नहीं,
गलत विचारधारा का करे।
गलत धारणा को मिटा,
प्रचार भाईचारा का करे।
देवकिशन “देव दुर्लभ”
19-4-2017
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